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बैटरी क्या है।

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  बैटरी क्या है। बैटरी एक Energy Storage Device है जो कि बहुत सारे सेल्ज़ (Cells) को जोड़कर बनाई जाती है। सेल्ज़ (Battery Cells) के अन्दर Electro Chemical Reaction होते है जो कि Chemical Energy को Electrical Energy में बदलते हैं. ये Electro Chemical Reactions, Chemical में मौजूद ions की वजह से होते हैं. हर एक सेल (Cell) में Cathode और Anode दो प्रकार के प्लेट मौजूद होते हैं जो Electron के Flow में सहायक होते हैं. इस प्रकार, हम एक सेल्स (Cell) से एनर्जी (Energy) बहार निकाल पातें है. इस प्रकार एक सेल्स (Cell) को दुसरे सेल्स (Cell) से Parallel या Series में जोड़कर बैटरी बनाई जाती है. सेल में मौजूद chemical तब तक energy नहीं बनाते जब तक उसके positive (cathode) और negative (anode) terminals का circuit पूरा नहीं होता. बैटरी में दो Terminals होता है – Positive Terminal (+) और Negative Terminal (-). इसमें हम अपना लोड जोड़कर बैटरी से एनर्जी निकाल सकते है. सेल्स के अन्दर इलेक्ट्रान का बहाब  Negative से Positive की तरफ होता है, परन्तु Curcuit में Current Positive से Negative की तरफ होती है....

बैटरी की चार्ज अवस्था की जांच करना

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  बैटरी की चार्ज अवस्थाएं (Charged Conditions of a Battery )  लेड एसिड बैटरी की चार्ज अवस्थाओं को निम्न प्रकार से व्यक्त किया जाता है। पूर्ण चार्ज अवस्था (Full charge Condition)  इस अवस्था  मैं बैटरी का आईएमएफ 2.2 वोल्ट प्रति सैल तथा उसके इलेक्ट्रोलाइट का आपेक्षिक घनत्व 1.25 से 1.28 के बीच होता है ।इसके अतिरिक्त पूर्ण चार्ज अवस्था में बैटरी के होल से गैस के बुलबुले लगातार रूप से निकलते हैं। अर्ध चार्ज अवस्था(Half charge Condition)  इस अवस्था में बैटरी का EMF 2.0 से 2.15 वोल्ट प्रति सैल तथा उसके इलेक्ट्रोलाइट का आपेक्षिक घनत्व 1.20 से 1.25 के बीच होता है। इसके अतिरिक्त इस अवस्था में बैटरी के होल से गैस के बुलबुले कब निकलते हैं। डिस्चार्ज अवस्था(Discharged Condition)  इस अवस्था में बैटरी का विद्युत वाहक बल 2.0 वोल्ट प्रति सैल से कम होता है ।तथा उसके इलेक्ट्रोलाइट का आपेक्षिक घनत्व 1.18 या इससे कम होता है। इसके अतिरिक्त ,इस अवस्था में बैटरी के होल से बोले नहीं निकलते हैं। "बैटरी की चार्ज अवस्था की जांच हाइड्रोमीटर द्वारा नापा जाता है।

हैलोजन लैम्प क्या है।

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  हैलोजन लैम्प क्या है। हैलोजन का अर्थ  है। आयोडीन  क्लोरीन गैसे। हैलोजन लैंप सामान्य लैंप से इस अर्थ में भिन्न होता है कि इसमें निष्क्रिय गैस के साथ उपयुक्त हैलोजन समूह की कोई गैस भी हमने अल्प मात्रा में भरी जाती है। संरचना (Construction) इसमें क्वाट्ज से बनी लम्बी व पतली नली में टंगस्टन का क्वायल्ड फिलामेंट स्थापित किया जाता है। क्वार्टज से बनी नली उच्च तापमान से सकती है कार्यप्रणाली(Working System)   हैलोजन समूह की गैस की उपस्थिति का लाभ यह होता है कि टंगस्टन के बाद वाष्पीकृत अणु पुनःफिलामेंट पर जमा हो जाते हैं। टंगस्टन के वाष्पीकृत अणु दूर न फैल सके  इसलिए तंग बनाई जाती है और उच्च तापमान सह सकने वाली पदार्थ की बनाई जाती है। इसका लाभ यह होता है।कि फिलामेंट उच्च तापमान तक गर्म हो सकते हैं, और अधिक प्रकाश उत्पन्न कर सकते हैं। विशेषताएं(Characteristics) 1. लैम्प की दक्षता 25से 35 ल्यूमन प्रति वाट होती है। 2. इस्लाम की कार्यकारी आयु सामान्य लैंप की तुलना में दोगुनी होती है। 3. यह लैंप तीव्र , एक समान तथा लगातार प्रकाश उत्पन्न करता है 4. इस लैंप  की दीवा...