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मार्च 14, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

AC और DC मे अन्तर क्या है।

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  A.C के लाभ - 1. AC को 400 kV तक ट्रांसमिट किया जा सकता है ।2. ट्रांसफार्मर का प्रयोग करके वोल्टेज को आवश्यकता अनुसार कम या अधिक किया जा सकता है ।3. AC बहुफेज होने के कारण अत्यधिक लाभकारी है ।4. किफायती है । कम खर्च पर अधिक लाभ प्रदान करने वाली है ।5. AC बहु फेज़ मोटरें सेल्फ स्टार्ट होती है । AC  केे लाभ 1. AC का बैटरी चार्जिंग में इस्तेमाल नहीं हो सकता है ।2. AC सिंगल फेज मोटरें सेल्फ स्टार्ट नहीं होती ।3. AC सप्लाई में लीकेज का खतरा अधिक रहता है ।4. ए.सी धारा में कम्पन्न होता है । बहुत से उपकरणों में कम्पन्न के कारण इसका इस्तेमाल नहीं हो सकता ।5. ए.सी. धरा से एलेक्ट्रोप्लेटिंग नहीं की जा सकती ।6. ए. सी में मोटरों की स्पीड को आसानी से कंट्रोल नहीं किया जा सकता । D.C के लाभ - 1. DC में फ्रीक्वेंसी नहीं होती ।2. डी सी में मोटरों की स्पीड को आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है ।3. DC का प्रयोग बैटरी चार्जिंग के लिए किया जा सकता है ।4. DC का प्रयोग इलेक्ट्रोप्लेटिंग के लिए किया जाता है । D.C की हानियां -1. डी सी सप्लाई बहुत महगी पड़ती है । 2. DC जनरेटर की आउटपुट कम होती है ।3. DC मे...

फ्लेमिंग नियम और ohm नियम

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  फ्लेमिंग नियम और ohm नियम .. ...  फ्लेमिंग का दायें हाथ का नियम -  यह नियम जनरेटर में उत्पन्न emf (इ एम एफ) की दिशा ज्ञात करे के लिए प्रयोग किया जाता है । इस नियम के अनुसार बीच की उंगली जनरेटर में उत्पन्न emf की दिशा बताती है । अंगूठा कंडक्टर की गती की दिशा बताता है तथा पहली उंगली फ्लक्स की दिशा बताती है । फ्लेमिंग का बायें हाथ का नियम -  यह नियम मोटर में घुमाव बल की दिशा ज्ञात करे के लिए प्रयोग किया जाता है । इस नियम के अनुसार अंगूठा मोटर के घूमने की दिशा बताता है बीच की उंगली मोटर में उत्पन्न करंट की दिशा बताती है । तथा पहली उंगली फ्लक्स की दिशा बताती है  लेंज लॉ -  लेंज का नियम बताता है कि क्वाइल में उत्पन्न emf सदा अपने पैदा करने वाले स्त्रोत का विरोध करती है । जब चुम्बकिय पोलों के बीच चालक को घुमाया जाता है तो चालक में चुम्बकीय प्रेरण के सिद्धान्त अनुसार emf उत्पन्न हो जाती है । यह (emf) विधुत वाहक बल चुम्बकीय पोलों को पीछे धकेलने की कोशिश करता है

चुम्बक कितने प्रकार के होते है।

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चुम्बक कितने प्रकार के होते है।  चुम्बक दो प्रकार के होते है।  A. Natural magnet -   प्राकृतिक रूप से पाये जाने वाले चुम्बक को अर्थात प्रकृति से मिलने वाले चुम्बक को प्राकृतिक चुम्बक कहते है । तथा इसे लोड स्टोन के नाम से जाना जाता है यह लोहे के छोटे छोटे कणों को अपनी और आकर्षित करने की शक्ति रखता है तथा नाविकों द्वारा दिशा देखने के कार्य में उपयोग किया जाता है । B. Artificial magnet   कृत्रिम चुम्बक - वह चुम्बक जो मानव द्वार निर्मित हो कृत्रिम चुम्बक कहलाते है कृत्रिम चुम्बक दो प्रकार के होते है । permanent magnet and temporary magnet 1.Permanent magnet   स्थाई चुम्बक - वह चुम्बक जिनमे चुम्बकीय गुण लंबे समय तक विद्यमान रहे यह चुम्बक विभिन्न विभिन्न आकारों में बनाये जाते है जैसे - बार मैगनेट, यू शेप मैगनेट, नीडल मैगनेट तथा हार्स शू मैगनेट । 2.Temporary magnet   अस्थाई चुम्बक - वह चुम्बक जिनमें चुम्बकीय गुण केवल कुछ समय के लिए ही विद्यमान रहते है अस्थाई चुम्बक कहलाता है । इन चुम्बकों को विधुत चुम्बक भी कहा जाता है यह नर्म लोहे पर इनैमलड तार लपेट कर तार में वि...