विधुत चुम्बकीय प्रेरण का सिद्धान्त
विधुत चुम्बकीय प्रेरण का सिद्धान्त -
चालक में विधुत धारा गुजारने पर चालक में चुम्बकीय बल रेखाएं उत्पन्न हो जाती है । और जब चुम्बकीय बल रेखाओं में किसी चालक को गतिमान किया जाये तो चालक द्वारा चुम्बकीय बल रेखाओं के कटने पर चालक में emf (इ.एम.एफ) उत्पन्न हो जाती है । यह गुण इलेक्ट्रो मेग्नेटिक इंडक्शन कहलाता है ।
इंडक्शन दो प्रकार की होती है -
1.सेल्फ इंडक्शन
2.म्यूचुअल इंडक्शन ।
सेल्फ इंडक्शन - जब किसी क्वाइल को एसी सप्लाई से जोड़ा जाता है तो क्वाइल में भी अल्टर्नेटिंग मैग्नेटिक फील्ड उत्पन्न होती है जिससे क्वाइल में ई.एम.एफ उत्पन्न हो जाती है इस ई एम एफ को सेल्फ इंडियुस्ड emf कहा जाता है ।
सेल्फ इंडक्शन के लाभ -
फैन रेगुलेटर में इस्तेमाल होती है ।ऑटो ट्रांसफार्मर में ईस्तेमाल होती है ।लाइटनिंग अरेस्टर में इस्तेमाल होती है ।ट्यूब लाइट में इस्तेमाल होती है फ़िल्टर सर्किट में इस्तेमाल होती है
म्युचुअल इंडक्शन -
फैन रेगुलेटर में इस्तेमाल होती है ।ऑटो ट्रांसफार्मर में ईस्तेमाल होती है ।लाइटनिंग अरेस्टर में इस्तेमाल होती है ।ट्यूब लाइट में इस्तेमाल होती है फ़िल्टर सर्किट में इस्तेमाल होती है
म्युचुअल इंडक्शन -
दो क्वाइलों को समांतर में रखा जाये और सिर्फ एक क्वाइल को विधुत धारा से जोड़ा जाये तो उस क्वाइल के साथ साथ दूसरी क्वाइल में भी emf उत्पन्न हो जाती है जो म्यूचुअल इंडियुस्ड ई एम एफ कहलाती है ।
मुझे आशा है कि आप लोगों को पोस्ट बहुत पसंद होगा।
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