Ohm's Law in Hindi


Ohm’s law in Hindi – आसानी से समझे ओम का नियम

जॉर्ज साइमन ओम ने किया था।इस नियम का प्रतिपादन सर्वप्रथम जर्मन भौतिकशास्त्री तथा गणितज्ञ इसलिए इसे उन्हीं के नाम पर ओम का नियम (ohm’s law) कहते हैं।

ओम का नियम क्या है? (What is Ohm’s Law?)

ओम का नियम भौतिकी के सबसे महत्वपूर्ण नियमों में से एक है। ओम का नियम एक सूत्र(formula) है जिससे विभवान्तर(Potential or Voltage), धारा(Current) तथा प्रतिरोध(Resistance) के बीच संबंध ज्ञात किया जाता है। Electronics के क्षेत्र में इसकी महता Einstein के सापेक्षता के सिद्धांत से कतई कम नही है।

ओम का नियम(Ohm’s law) – यदि भौतिक अवस्थायें जैसे की ताप, लंबाई इत्यादि स्थिर हो, तब किसी विधुत परिपथ में प्रतिरोध के सिरों पर उत्पन्न विभवान्तर(वोल्टेज) उस प्रतिरोध में प्रवाहित होने वाली धारा(flow of current) के समानुपाती होता है।

यानि की V ∝ I

इसको V=IR भी लिख सकते है।

ओम के नियम का सूत्र

ओम के नियम का सूत्र: V=IR है। V=IR या, V=I×R

इस सूत्र(Formula) के द्वारा आप वोल्टेज, धारा और प्रतिरोध का मान निकाल सकते हैं। Note : यहाँ –


V = विभान्तर(Voltage), इकाई Volt(V) हैं
I = धारा(Current), इकाई Ampere(A) हैं
R = प्रतिरोध(Resistance), इकाई Ohm(Ω) हैं
यदि आपको विभान्तर यानि Voltage का मान पता करना है तो Formula:- V=I×R
यदि आपको धारा यानि Current का मान पता करना है तो Formula:- I=V/R
यदि आपको प्रतिरोध यानि Resistance का मान पता करना है तो Formula:- R=V/I
Note : “ओम का नियम तभी लागु होता है जब भौतिक अवस्थायें Constant(स्थिर) होती है।”

Example of Ohm’s law

Example 1: यदि I=5A और R=8Ω हो तो Voltage(V) क्या होगा?
Formula:- V=IxR
या, V = 5×8
या, V = 40 volts

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