एडी करंट (Eddy Current) जब चुम्बक के दो पोलों के बीच चादर की गोल डिस्क को घुमाया जाता है तो डिस्क में emf उत्पन्न हो जाती है तथा डिस्क में करंट बहने लगता है जोकि अपने उत्पन्न कारण का विरोध करता है परिणाम स्वरूप डिस्क की गति धीमी हो जाती है तथा हीट उत्पन्न होती है । Disadvantages of Edy current - ट्रांसफारमर में एड़ी करंट के कारण गर्मी उत्पन्न होती है जिससे कि दक्षता कम होती है । मोटर में एड़ी करंट के कारण गर्मी उत्पन्न होती है जिससे कि वाइंडिंग का इंसुलेशन ख़राब होता है । ट्रांसफार्मर की कोर में एडी करंट बहने से ऊर्जा हानि होती है । एडी करंट की हानि को रोकने के लिए कोर को लेमिनटेड शीट सा बनाया जाता है । Advantages Eddy current एडी करंट के आधार पर इंडक्शन भट्टी कार्य करती है । मापन यंत्रों की डंपिंग के लिए एडी करंट का इस्तेमाल किया जाता है । जिससे की मीटर की सुई झटके नहीं मारती और अपनी सही जगह पर आसानी से खड़ी हो जाती है । मुझे आशा है कि आप लोगों को यह पोस्ट पसंद आया होगा धन्यवाद....
लैड एसिड बैट्री में उत्पन्न होने वाले दोष - 1 सल्फेशन /sulphation - बैट्री के टर्मिनलों में सल्फेट की तह जैम जाती है जिसे सल्फेशन कहते है इससे बैट्री की क्षमता कम हो जाती है । यह दोष बैट्री को अधिक समय तक चार्ज व डिस्चार्ज रखने पर होता है । 2 बकलिंग / buckling - बैट्री की प्लेटों का मुड़ना बकलिंग कहलाता है । यह दोष बैट्री के डिस्चार्ज रखने व अधिक करंट देकर अधिक चार्ज करने से होता है । दोष दूर करने के लिए बैट्री की प्लेटों को बदल दिया जाता है । 3 sedimentation / सेंडीमेंशन - रासायनिक क्रिया के दौरान बैट्री की प्लेटों से इलेक्ट्रोलाइट का कुछ भाग निचे गिर कर बैट्री की तली में निचे एकत्रित हो जाता है जिसे बैट्री की आयु व वोल्टेज कम हो जाती है । यह दोष अधिक करंट व तापमान के कारण होता है इस दोष को दूर करने के लिए बैट्री को खोल कर साफ करके दोबारा फिट करना होता है । इस दोष को दूर करने के लिए बैट्री को ट्रिकल चार्जिंग पर चार्ज किया जाता है । 4 आन्तरिक शार्ट सर्किट / internal short circuit - यदि पॉजिटिव व नैगिटिव प्लेटे बिना किसी बाह्य प्रतिरोध के आपस में मिल जाए तो...
फ्लेमिंग नियम और ohm नियम .. ... फ्लेमिंग का दायें हाथ का नियम - यह नियम जनरेटर में उत्पन्न emf (इ एम एफ) की दिशा ज्ञात करे के लिए प्रयोग किया जाता है । इस नियम के अनुसार बीच की उंगली जनरेटर में उत्पन्न emf की दिशा बताती है । अंगूठा कंडक्टर की गती की दिशा बताता है तथा पहली उंगली फ्लक्स की दिशा बताती है । फ्लेमिंग का बायें हाथ का नियम - यह नियम मोटर में घुमाव बल की दिशा ज्ञात करे के लिए प्रयोग किया जाता है । इस नियम के अनुसार अंगूठा मोटर के घूमने की दिशा बताता है बीच की उंगली मोटर में उत्पन्न करंट की दिशा बताती है । तथा पहली उंगली फ्लक्स की दिशा बताती है लेंज लॉ - लेंज का नियम बताता है कि क्वाइल में उत्पन्न emf सदा अपने पैदा करने वाले स्त्रोत का विरोध करती है । जब चुम्बकिय पोलों के बीच चालक को घुमाया जाता है तो चालक में चुम्बकीय प्रेरण के सिद्धान्त अनुसार emf उत्पन्न हो जाती है । यह (emf) विधुत वाहक बल चुम्बकीय पोलों को पीछे धकेलने की कोशिश करता है
what is inductor? इंडक्टर क्या है? क्वाइल (Coil)इलेक्ट्रॉनिक्स सर्किट में एक महत्वपूर्ण पुर्जा होता है। हर प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस में आपको यह सहज ही मिल जायेगा। क्वाइल का प्रयोग फिल्ट्रेशन, सिग्नल को बूस्ट करने व छांटने(Sort) के लिए और भी बहुत तरह के काम के लिए किया जाता है। हकीकत में क्वाइल (Coil) एक तार होता है। जो किसी yभी सुचालक पदार्थ का हो सकता है जैसे : ताम्बा, एल्युमीनियम, लोहा इत्यादि। जब इस तार के चारो तरफ कुचालक पदार्थ लगा दिया जाता है। (जिसे इंसुलेशन कहते है।) और इसको किसी आधार या बिना आधार के गोल – गोल लपेट दिया जाता है तो इस प्रकार के बने पुर्जे को Coil कहा जाता है। इसुलेशन इसलिए लगाया जाता है ताकि तार को लपेटने पर शार्ट न हो। करंट तार के सिरे से होकर दूसरे सिरे से ही प्राप्त हो बीच में नहीं। आधार या कोर क्या होता है। what is Core जब क्वाइल को बनाया जाता है तब उसको किसी सुचालक धातु पर लपेटा जाता है तो वह उसका कोर कहलाता है। आयरन या फेराइट के आधार पर लपेटी जाती है तो वह फैराइट कोर या आयरन कोर कहलाती है,यदि तार को बिना किसी कोर या कुचालक पदार्थ पर लपेटते है त...
विधुत चुम्बकीय प्रेरण का सिद्धान्त - चालक में विधुत धारा गुजारने पर चालक में चुम्बकीय बल रेखाएं उत्पन्न हो जाती है । और जब चुम्बकीय बल रेखाओं में किसी चालक को गतिमान किया जाये तो चालक द्वारा चुम्बकीय बल रेखाओं के कटने पर चालक में emf (इ.एम.एफ) उत्पन्न हो जाती है । यह गुण इलेक्ट्रो मेग्नेटिक इंडक्शन कहलाता है । इंडक्शन दो प्रकार की होती है - 1.सेल्फ इंडक्शन 2.म्यूचुअल इंडक्शन । सेल्फ इंडक्शन - जब किसी क्वाइल को एसी सप्लाई से जोड़ा जाता है तो क्वाइल में भी अल्टर्नेटिंग मैग्नेटिक फील्ड उत्पन्न होती है जिससे क्वाइल में ई.एम.एफ उत्पन्न हो जाती है इस ई एम एफ को सेल्फ इंडियुस्ड emf कहा जाता है । सेल्फ इंडक्शन के लाभ - फैन रेगुलेटर में इस्तेमाल होती है ।ऑटो ट्रांसफार्मर में ईस्तेमाल होती है ।लाइटनिंग अरेस्टर में इस्तेमाल होती है ।ट्यूब लाइट में इस्तेमाल होती है फ़िल्टर सर्किट में इस्तेमाल होती है म्युचुअल इंडक्शन - दो क्वाइलों को समांतर में रखा जाये और सिर्फ एक क्वाइल को विधुत धारा से जोड़ा जाये तो उस क्वाइल के साथ साथ दूसरी क्वाइल में भी emf उत्पन्न हो जाती है जो म्यू...
Integrated Circuit IC क्या है अगर आप इलेक्ट्रिकल में रुचि रखते हैं तो आपने किसी ना किसी इलेक्ट्रिकल उपकरण को खोलकर देखा होगा जैसे कि रेडियो, टेलीविजन या टेलीफोन. इनके अंदर आपको एक PCB Circuit Board देखने को मिलता है जिसमें इलेक्ट्रिकल के अलग-अलग छोटे और बड़े कंपोनेंट लगे होते हैं. लेकिन इसी के बीच आपको एक काले रंग की IC (इंटीग्रेटेड सर्किट क्या है ) भी देखने को मिलती है जिसे हम इंटीग्रेटेड सर्किट कहते हैं. इंटीग्रेटेड सर्किट आई सी चिप या माइक्रो चिप के नाम से भी जाना जाता है जो कि एक इलेक्ट्रॉनिक सर्किट का समय होता है जिसे अर्धचालक पदार्थ (Silicon) पर लगाया जाता है जिसे हम IC (एकीकृत परिपथ) कहते हैं.इस छोटे से सर्किट के अंदर बहुत सारे छोटे-छोटे ट्रांजिस्टर लगाए जाते हैं. जिसके कारण इसका आकार बहुत छोटा हो जाता है और इसके काम करने की स्पीड और बढ़ जाती है और इसमें इलेक्ट्रिसिटी की खपत भी कम होती है. इंटीग्रेटेड सर्किट का आविष्कार Jack Kilby ने 12 सितंबर 1958 में किया था. इसका पेटंट या यूं कहें कि इसका लाइसेंस उन्हें फरवरी 1959 में मिला था .इस आविष्कार के लिए उन्हें सन 2000 में नोबे...
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