रजिस्टेंस क्या है(Resistance kya hai)




Resistor क्या है कितने प्रकार के होते है

प्रतिरोधक (Resistor) एक इलेक्ट्रिकल कॉन्पोनेंट होता है जैसे कि दूसरे डायोड,कैपेसिटर इत्यादि होते हैं.और इलेक्ट्रॉनिक सर्किट में प्रतिरोधक का इस्तेमाल करंट के बहाव को रोकने के लिए या उसे कम करने के लिए किया जाता है. रजिस्टर कई प्रकार के होते हैं इनके काम करने के आधार पर इन को अलग-अलग श्रेणियों में रखा जाता है. मुख्यतः यह 2 प्रकार की होते हैं:- Fixed Resistor , Variable Resistor.

सभी रजिस्टर का अपना Resistance होता है जो कि किसी भी सर्किट में Circuit Element के रूप में काम करता है.Fixed Resistors का रेजिस्टेंस फिक्स होता है क्योंकि सिर्फ तापमान के कारण ही थोड़ा बहुत कम या ज्यादा हो सकता है.Variable Resistors का इस्तेमाल हम अपनी जरूरत के आधार पर कर सकते हैं इसका इस्तेमाल Volume Control और Lamp Dimmer के अंदर किया जाता है. ताकि इनको कंट्रोल किया जा सके

Resistor Symbols



(A) Resistor, (B) Rheostat (Variable Resistor), And (C) Potentiometer

Resistors Connection

किसी भी सर्किट में हम प्रतिरोध को 2 तरह से कनेक्ट कर सकते हैं एक समानांतर और दूसरा क्रमबद्ध. दोनों तरीके अलग-अलग हैं और इनमें प्रतिरोधक की वैल्यू बदल जाती है.दोनों तरह के कनेक्शन करने पर इसकी रेजिस्टेंस वैल्यू आप कैसे निकालेंगे इसका फार्मूला नीचे दिया गया है .

Series Connection



Req= R1 + R2 + …………….. Rn अगर आपने एक सर्किट में सभी रजिस्टर को क्रमबद्ध यानी की सीरीज में लगा दिया है. तो उनका रजिस्टेंस आपस में जोड़ने तो वह उन सभी प्रतिरोध को का कुल रजिस्टेंस आ जाएगा.

Parallel Connection



अगर आपने सभी प्रतिरोध को को समानांतर लगा दिया है तो इनका रजिस्टेंस निकालने के लिए आपको ऊपर दिया गया फार्मूला लगाना पड़ेगा.

Resistor कितने प्रकार के होते है

1.Fixed Resistors

फिक्स्ड रजिस्टर वो होते हैं जिनका रजिस्टेंस तापमान के कारण ही थोड़ा बहुत बदले नहीं तो इनका रेजिस्टेंस बिल्कुल एक ही रहता है. और फिक्स रजिस्टर को भी आगे कुछ श्रेणियों में या इसके प्रकार के आधार पर बांटा गया है जिस की सूची नीचे दी गई है.

Carbon Composition Resistors :- Carbon Composition Fixed Resistor को सामान्यता दानेदार या पाउडर कार्बन और ग्रेफाइट को मिलाकर बनाया जाता है.और इस मिश्रण को एक छड़ के रूप में बनाया जाता है और इसके दोनों तरफ धातुओं की दो टोपी लगाई जाती है. रजिस्टर को सर्किट के साथ जोड़ने के लिए इसके दोनों छोर पर एक कंडक्टर वायर भी लगाई जाती है जिससे कि यह आसानी से किसी भी सर्किट पर लगाया जा सके .और इन रजिस्टर के ऊपर रजिस्टर की रेजिस्टेंस वैल्यू के आधार पर कलर कोड भी किया जाता है इस कलर कोड की मदद से आप किसी भी रजिस्टर की वैल्यू का पता कर सकते हैं .




Wire Wound Resistors:– इन रजिस्टर में Insulating Core Or Rod के चारों तरफ एक Resistive Wire लपेटी होती है . और यह वायर ज्यादातर Tungsten, Manganin, Nichrome या Nickel और Nickel Chromium Alloy की बनी होती है. और इन प्रतिरोधको की Insulating Core Or Rod चीनी मिट्टी के बरतन, बेकलेइट, प्रेस बांड पेपर या सिरेमिक मिट्टी सामग्री बनी होती है. यह प्रतिरोधक काफी महंगे होते हैं और इन्हें किसी खास सर्किट में ही इस्तेमाल किया जाता है जैसे कि .Wheatstone Bridge.





इन प्रतिरोध को की रेंज 2 Watt से लेकर 100 Watt या उससे ज्यादा होती है.और इन प्रतिरोध को की Ohmic Value भी 1 Ohm से लेकर 200k Ohms तक या उससे भी ज्यादा हो सकती है. और यह प्रतिरोधक 350°C तापमान तक भी सही तरह से काम करते रहते हैं .यह प्रतिरोधक Carbon Composition Resistors के तुलना में बहुत कम शोर करते हैं.और यह प्रतिरोधक DC और ऑडियो फ्रीक्वेंसी के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है .लेकिन इनकी कुछ हानि भी है जैसे कि यह काफी महंगी होते हैं और इन्हें High Frequency वाले उपकरण में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता .

Thin Film Resistors :– सभी Thin Film प्रतिरोधक चीनी मिट्टी और प्रतिरोधी सामग्री द्वारा बनाए जाते हैं.और यह प्रतिरोधक भी आगे दो श्रेणियों में बांटा गया है.इस प्रतिरोधक में बढ़िया क्वालिटी की चीनी मिट्टी और हाथ से बनी Insulating Rod, Plate या Tube के चारों तरफ सुचालक सामग्री की एक Layer लगाई जाती है.

Carbon Film Resistors :- कार्बन फिल्म प्रतिरोधक में High Grade चीनी मिट्टी की सामग्री से बनी Insulating Material Rod या Core होती है. और इस Rod के ऊपर Resistive Carbon की बहुत ही पतली Layer इसके चारों तरफ लगाई होती है.




Metal Film Resistors:- मेटल फिल्म प्रतिरोधक भी Carbon Film Resistors की तरह ही बनाया जाता है लेकिन फर्क बस यह होता है कि इस प्रतिरोधक में कार्बन की जगह धातु का इस्तेमाल किया जाता है और यह धातु Nickel Chromium हो सकती है. यह प्रतिरोधक बहुत छोटे सस्ते और अच्छे से काम करने वाले होते हैं. और यह तापमान कम या ज्यादा होने पर भी अपना काम बिल्कुल सही तरह से करते हैं और इनका शोर भी बहुत कम होता है

Thick Film Resistors:-यह प्रतिरोधक भी Thin Film Resistors की तरह ही बनाया जाता है लेकिन इन दोनों में सिर्फ फर्क इतना होता है कि Thin Film Resistors में कार्बन के लिए बहुत पतली होती है और Thick Film Resistors में कार्बन की प्लेयर थोड़ी मोटी होती है.इसीलिए इस प्रतिरोधक को Thick Film Resistors कहा जाता है. और इसे भी आगे तीन श्रेणियों में बांटा गया है.

Metal Oxide Resistors:- Metal Oxide Resistorबनाने के लिए Tin Chloride की लेयर को Oxidizing विधि दवारा गरम कांच की छड़ के ऊपर लगाया जाता है जिससे Metal Oxide Resistor बनता है.यह प्रतिरोधक काफी बड़ी रेंज तक के मिलते हैं और यह ज्यादा तापमान पर भी बहुत अच्छे से काम करते हैं और इन्हें ज्यादा वोल्टेज वाली सर्किट में इस्तेमाल किया जाता है.

Cermet Oxide Resistors:- Cermet Oxide Resistors में Ceramic इन्सुलेशन सामग्री होती है. जिसे Carbon या मिश्र धातु की लेयर द्वारा ढक दिया जाता है और जिसे Ceramic धातु द्वारा जमा (Fix) दिया जाता है. Ceramic धातु को ही Cermet कहते है .यह प्रतिरोधक वर्गाकार और आयताकार होते हैं.और इंहें सर्किट पर लगाने के लिए इन के नीचे Pins पिन भी दी जाती है जिससे कि यह आसानी से किसी भी Printed Circuit Board पर लगाए जा सके. और यह प्रतिरोधक बहुत ज्यादा तापमान पर भी सही तरह से काम करते हैं.

Fusible Resistors:– यह प्रतिरोधक Wire Wound Resistor कि तरह ही होते हैं. जब किसी सर्किट की Power Rating एक Specified Value से ज्यादा बढ़ती है. तब यह प्रतिरोधक Fused की तरह काम करता है. जैसे कि यह सर्किट को Breaks या Open कर देता है. इसीलिए इस प्रतिरोधक को Fusible Resistors कहा जाता है.Fusible Resistors एक समय पर दो काम करता है. यह करंट के बहाव को भी कम करता है और उसी समय एक फ्यूज की तरह भी काम करता है.

2.Variable Resistors

Potentiometers :– Potentiometer एक ऐसा प्रतिरोधक है जो कि किसी भी सर्किट में वोल्टेज के लेवल को कंट्रोल करने का काम करता है. इस प्रतिरोधक का कुल Resistance बाहर वाले दोनो टर्मिनल के बीच का Resistance होता है.अब इसके रजिस्टेंस को कंट्रोल करने के लिए बीच वाला टर्मिनल (Wiper) इस्तेमाल में लिया जाता है जिसे कि दाएं या बाएं घुमाने पर इसका रेजिस्टेंस कम या ज्यादा होता है.



Rheostats :-Rheostats एक ऐसा प्रतिरोधक है जिसमें हमें दो या तीन टर्मिनल देखने को मिलेंगे और इसे करंट को कंट्रोल करने के लिए इस्तेमाल में लिया जाता है और करंट को कंट्रोल करने के लिए इसे हाथ से सेट करना पड़ता है. और इस प्रतिरोधक को Tapped Resistors और Variable Wire Wound Resistors के नाम से भी जाना जाता है.



Rheostats या Variable Wire Wound Resistors आपको 1 Ohm से लेकर 150 Ohms तक की रेंज में मिल सकते हैं. और इन प्रतिरोध को की पावर रेटिंग 3 से 200 Watts तक होती है लेकिन ज्यादातर 5 से 50 Watts तक की पावर रेटिंग वाले प्रतिरोधक ही इस्तेमाल किए जाते हैं.

Trimmers:-प्रतिरोधक के अच्छे संचालन और Efficiency के लिए उसमें एक अतिरिक्त Screw लगा दिया जाता है जिसे Trimmers प्रतिरोधक के रूप में जाना जाता है. लेकिन इस प्रतिरोधक के रजिस्टेंस को बदलने के लिए आपको पेंचकस की जरूरत पड़ती है . स्क्रू ड्राइवर की मदद से इस प्रतिरोधक के Screw को घुमाने से इसका रजिस्टेंस बदल जाता है.

यह प्रतिरोधक Carbon Composition, Carbon Film, Cermet और Wire Materials द्वारा बनाए जाते हैं. और मार्केट में आपको यह प्रतिरोधक 50 Ohms से लेकर 5 Mega Ohms तक की रेंज में मिल जाएंगे.


हम आशा करते हैं कि आपको यह पोस्ट अच्छा लगा होगा

धन्यवाद.....





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